🪔 भूमिका:
कुंडली में राहु और केतु के अशुभ योग (कालसर्प दोष, चांडाल योग आदि) जीवन में रुकावट, भ्रम और मानसिक तनाव पैदा करते हैं। इन ग्रहों के उपाय से जीवन में संतुलन लाया जा सकता है।
⚠️ राहु-केतु दोष के लक्षण:
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निर्णय लेने में भ्रम
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अचानक हानि
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नींद में बाधा
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बार-बार एक्सीडेंट या विवाद
🔮 उपाय:
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नारियल और काली उड़द को बहते जल में प्रवाहित करें – शनिवार को
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राहु मंत्र: “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः” – रोज 108 बार
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केतु मंत्र: “ॐ स्ट्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः” – मंगलवार को जाप
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नीले और ग्रे रंग से बचें (कपड़े व बिस्तर में)
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सांपों को दूध पिलाने की परंपरा (विशेष रूप से नाग पंचमी)
✅ निष्कर्ष:
राहु-केतु भ्रम और अस्थिरता के ग्रह हैं। सही उपाय उन्हें शांत कर जीवन को स्थिर बना सकते हैं।